मोमीनीने लखनऊ ने 3 अप्रैल - इतवार में मौलाना कल्बे जव्वाद की इक्तिदा में दीगर मौलानाओं के साथ बहरीन, लीबिया और येमन में उम्मत ए मुसल्मा पर हो रहे हमलों के खिलाफ ज़बरदस्त इह्तिजाज किया. मकबरा सआदत अली खान से निकला गया एहतिजाजी जुलूस में लाखो मुसलमानों ने हिस्सा लिया. यह रैली मकबरा सआदत अली खान से शुरू हुई, परिवर्तन चौक होती हुई हजरतगंज चौराहे से होती हुई सहारा बाज़ार होती हुई, शाहनजफ इमामबाडा पर ख़त्म हुई. रैली में शिया सुन्नी संप्रदाय के लगभग 100 ओलेमा ने भी शिरकत की.
- हजारों की संख्या में कई जिलों से आए मुसलमानों ने जुलूस में शामिल होकर अरब मुल्कों से मजलूमों पर जुल्म बंद करने को कहा। काफी समय बाद मुसलमानों के दोनों फिरकों के उलमा एक मंच पर दिखाई दिए। प्रदर्शनकारी सऊदी शासकों से गद्दी छोड़ने और बेकसूर जनता पर जुल्म न करने की मांग कर रहे थे। इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से 13 सूत्रीय ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेज कर मांग की गई अमेरिका के इशारों पर हो रहे जुल्म को बंद किया जाए।
- शहरकाजी मौलाना अबुल इरफान फरंगी महली ने कहा कि सऊदी अरब हमेशा से अमेरिका के दबाव में रहा है और वही करता है जो इजरायल और अमेरिका चाहते हैं
- बहरीन में जमुहुरियत के प्रदर्शन को कुचलने के लिए सउदी अरब के मौलिवियो ने निहत्थे अवाम के खिलाफ क़त्ल का फतवा दिया है, जो ज़ुल्म की इंतिहा है. मौलाना ने हिंदुस्तान की सरकार से सउदी अरब और अमेरिका पर इस सिलसिले में दबाव डालने की सिफारिश की है.
- सबसे पहले सआदत अली खा मकबरे में जन सभा का आयोजन किया गया जिसमे शिया मज़हब के हिदुस्तान के रहनुमा मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा की बहरीन में सउदी अरब और लीबिया में अमेरिकन सैनिकों के ज़रिये से मासूम अवाम पर जो जम्हूरियत के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, के खिलाफ ज़ुल्म किया जा रहा है. लेकिन अभी तक किसी ने इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई है. वैसे सभी मुल्क मानवाधिकार की बात करते हैअ, लेकिन मुसलमानों का नाम आने पर ख़ामोशी अपना लेते हैं.
30 मार्च (बुध के रोज़ भी) दरगाह हज़रत अब्बास (अ.स.)
से एक जुलूस निकला गया जिसमे मौलाना अमीर हैदर,
मौलाना तसनीन मेहदी और मौलाना रजा हुसैन के साथ कसीर तादात में
मोमनीन ने हिस्सा लिया.
इससे पहले जुमे के रोज़ भी मौलाना कल्बे जव्वाद ने लोगो को साउदी अरब की पुलिस और फौजों के ज़रिये बहरीन में शियों के खिलाफ होने वाले ज़ुल्म के बारे में नमाज़-ए-जुमा में शिरकत करने वाले मोमेनीन को आगाह किया
डॉ. एस. एच. काज़मी
फ्रीलांस जर्नलिस्ट
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